Leo Tolstoy Ki Lokpriya Kahaniyan (Hindi) – Leo Tolstoy |
सुप्रसिद्ध रूसी कथाकार लियो टॉलस्टॉय ने जीवन के सभी पक्षों पर प्रभावी रचनाएँ की हैं। इसी संग्रह से ‘‘क्या वे लोग खेत जोत रहे हैं? क्या उन लोगों ने अपना काम खत्म कर लिया?’’ ‘‘उन लोगों ने आधे से अधिक खेत जोत लिये हैं।’’ ‘‘क्या कुछ भी काम बचा नहीं है?’’ ‘‘मुझे तो नहीं दिखा; पर उन्होंने जुताई अच्छी तरह से की है। वे सभी डरे हुए हैं।’’ ‘‘ठीक है। अब तो जमीन ठीक हो गई है न?’’ ‘‘हाँ; अब खेत तैयार हैं और उनमें अफीम के पौधों के बीज डाले जा सकते हैं।’’ मैनेजर थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोला; ‘‘वे लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं? क्या वे मुझे गाली देते हैं?’’ बूढ़ा कुछ हकलाने लगा; पर माइकल ने उसे सच बोलने के लिए कहा; ‘‘तुम मुझे सच बताओ। तुम अपने शब्द नहीं; बल्कि किसी और के शब्द बोल रहे हो। यदि तुम मुझे सच-सच बताओगे; तब मैं तुमको इनाम दूँगा; और अगर तुम मुझे धोखा दोगे तो ध्यान रखना; मैं तुम्हें बहुत मारूँगा। कर्तुशा! इसे एक गिलास वोदका दो; ताकि इसमें साहस पैदा हो।’’उन्होंने धर्म में व्याप्त पाखंड तथा तत्कालीन कुरीतियों को अनावृत किया। |
Reviews
There are no reviews yet